डॉ. अजय कुमार की नई जिम्मेदारी और उनकी प्रेरक कहानी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के UPSC New Chairmen के तौर पर डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति हाल ही में हुई है। उनकी यह नियुक्ति न केवल प्रशासनिक सेवा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। UPSC New Chairmen के रूप में डॉ. अजय कुमार का कार्यकाल अक्टूबर 2027 तक रहेगा या जब तक वे 65 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते।
नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यकाल
UPSC New Chairmen की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई, जो 29 अप्रैल 2025 को पूर्व चेयरमैन प्रीति सूदन के कार्यकाल पूर्ण होने के बाद हुई। UPSC New Chairmen का कार्यकाल अधिकतम छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो।
UPSC का मुख्य कार्य देश के सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन करना है, जिसमें IAS, IPS, IFS जैसी सेवाओं के लिए चयन होता है। आयोग में एक चेयरमैन और अधिकतम 10 सदस्य होते हैं। वर्तमान में दो सदस्यों की जगह रिक्त है।
डॉ. अजय कुमार का परिचय
डॉ. अजय कुमार 1985 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं। उन्होंने भारत सरकार में रक्षा सचिव (Defence Secretary) के रूप में 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक कार्य किया। इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक रक्षा सुधारों का नेतृत्व किया, जैसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति, अग्निवीर योजना, आत्मनिर्भर भारत रक्षा पहल, और ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों का निगमीकरण।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
डॉ. अजय कुमार ने IIT कानपुर से B.Tech की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी और एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमएस किया। उन्होंने यह दोनों डिग्रियां मात्र तीन वर्षों में पूरी कर लीं, जो उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है।
डॉ. कुमार भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियर्स अकादमी के फेलो भी हैं। उनका शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें UPSC New Chairmen के रूप में और भी योग्य बनाता है।
प्रशासनिक करियर की झलक
डॉ. अजय कुमार ने अपने करियर की शुरुआत केरल सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों से की। वे केल्ट्रॉन (KELTRON) के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे, जिसे उन्होंने घाटे से उबारकर मुनाफे में लाया। इसके अलावा, वे भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
डिजिटल इंडिया, UPI, आधार, MyGov, और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी 2012 का भी निर्माण किया, जिससे भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को नई दिशा मिली।
रक्षा मंत्रालय में ऐतिहासिक योगदान
डॉ. अजय कुमार के रक्षा सचिव कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति, अग्निवीर योजना, और आत्मनिर्भर भारत रक्षा निर्माण जैसे महत्वपूर्ण रिफॉर्म्स को लागू किया। इससे भारतीय रक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी।
UPSC में नई उम्मीदें
UPSC New Chairmen के रूप में डॉ. अजय कुमार से उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। उनके नेतृत्व में UPSC की पारदर्शिता, निष्पक्षता और नवाचार की दिशा में और मजबूती आने की संभावना है। उनके अनुभव और प्रशासनिक क्षमता से आयोग को नई दिशा मिलेगी।
अन्य सदस्यों की नियुक्ति
हाल ही में अनुराधा प्रसाद और सुजाता चतुर्वेदी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने भी UPSC के सदस्य के रूप में शपथ ली है। इससे आयोग की कार्यक्षमता और विविधता में इजाफा हुआ है। आयोग के अन्य सदस्यों की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें।
भविष्य की चुनौतियाँ
UPSC New Chairmen के सामने कई बड़ी चुनौतियाँ हैं। परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, उम्मीदवारों की सुविधा, और आयोग की कार्यक्षमता बढ़ाना उनकी प्राथमिकता होगी। इसके अलावा, आयोग में रिक्त पदों को भरना और नई नीतियों का क्रियान्वयन भी जरूरी है।
मीडिया में चर्चा
डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति को लेकर मीडिया में भी काफी चर्चा है। हिंदुस्तान टाइम्स और इंडियन एक्सप्रेस जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने उनके प्रोफाइल और उपलब्धियों को विस्तार से कवर किया है।
निष्कर्ष
UPSC New Chairmen डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उनके नेतृत्व में UPSC और भी अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और नवाचारपूर्ण बनने की उम्मीद है। UPSC New Chairmen के रूप में उनका अनुभव और दृष्टिकोण आयोग और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है।